रविवार, 15 मार्च 2009

पत्रकारिता एक अभियान है

मेरे पत्रकारिता जीवन की शुरुआत

अपने पत्रकारीता जीवन की शुरुआत मैने सन १९९६ इसवी मैं आवाज़ हिन्दी दैनिक से जमशेदपुर में कीया था जब मैं दसवीं का छात्र था मेरे पापा भी एक पत्रकार थे बस उन्ही की प्रेरणा से मेरे मन मैं भी पत्रकार बनने की ललक जाग उठी मैने जब आवाज़ ज्वाइन कीया तो श्री श्याम किशोर चौबे मेरे पहले संपादक थे जिन्होने मुझे प्रोत्साहित किया और सही रास्ता दिखाया जिस पर चल कर मैं एक सफल पत्रकार बन सका मैं इसके लिए आजीवन उनका ऋणी रहूँगा मेरे इस सफलता मैं एक और नाम भी है जो बहुत ख़ास है डॉक्टर रामचंद्र पाठक का जो मेरे हाई स्कूल के हिन्दी के शिक्षक थे और मैं उन्हें अपना गुरु भी मानता हूँ केओकी हिन्दी भाषा मैं प्रवीणता मैने उन्ही से सीखा जो आगे चल कर मेरी सफलता की कुंजी बना १९९८ में जब आवाज़ अख़बार जमशेदपुर से बंद हुआ तब मैने रांची से झारखण्ड जागरण ज्वाइन कर लिया उसके बाद सन २००० मैं मैने श्री कृषनेन्दु घोष जी के सहयोग से इलेक्ट्रोनीक पत्रकारिता मैं कदम रखा और जमशेदपुर से चलने वाले विडियो न्यूज़ पत्रिका न्यूज़ टाईम्स से जुड़ गया
सही कहूं तो यही पत्रिका मेरे इलेक्ट्रोनीक मीडीया की पाठशाला रही जहाँ मैने काम सीखा २००४ में मैने
प्रीती मिश्रा जी के सहयोग से सहारा समय चैनल ज्वाइन कर लीया

2 टिप्‍पणियां:

  1. Ashish ji ... Aap pe hum saare jamshedpur wasi ko karab hain...
    i had a feeling that reporters are always there to make News ...too spicy but i think i was wrong still there are few of them who are really sincere in their effors and profession

    Regard's
    Sanjay Singh

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